Menu
blogid : 3054 postid : 47

शहादत के बाद भी जंग जारी

The Voice Of Himalaya
The Voice Of Himalaya
  • 22 Posts
  • 232 Comments

Capt. Saurabh Kalia with his Father and Mother. (File Pics)

Capt. Saurabh Kalia with his Father and Mother. (File Pics)
बेटे की शहादत का अफसोस नहीं, गर्व है। हमें एक बेटा खोकर कई बेटे मिले हैं लेकिन दुख यही है कि अब तक सौरभ के दोषियों को न्याय नहीं मिला। कारगिल की पहाडि़यों पर कितनी ही बर्फ और पड़ चुकी है लेकिन सौरभ और उसके साथियों के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार के खिलाफ भारत ने कुछ नहीं किया। यह कहना है भारतीय सीमा में कारगिल व द्रास सेक्टर में पाक सेना की घुसपैठ की पहली सूचना देने वाले कैप्टन सौरभ कालिया के पिता डॉ. एनके कालिया का। शहीद कैप्टन सौरभ कालिया के पिता डॉ. एनके कालिया लगातार प्रधानमंत्री समेत अनेक मंत्रियों से पत्र व्यवहार कर चुके हैं मगर कमाए हैं तो महज आश्वासन। पाकिस्तानी सेना के अमानवीय व्यवहार पर तत्कालीन प्रधानमंत्री से लेकर विदेश मंत्री ने आश्वासन दिया था कि इस मुद्दे को न केवल पाकिस्तान के साथ उठाया जाएगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उठाया जाएगा मगर कुछ नहीं हुआ। 2009 में कैप्टन सौरभ कालिया के पिता डॉ. एनके कालिया ने प्रधानमंत्री कार्यालय व अन्य महत्वपूर्ण कार्यालयों से आरटीआइ से जानकारी भी मांगी कि कैप्टन सौरभ कालिया व अन्य पांच जवानों के साथ युद्ध के समय हुए अमानवीय व्यवहार को लेकर क्या कदम उठाया गया है? इसका सरकार ने केवल यही गोलमोल जबाव दिया कि इस मामले पर पाकिस्तान से विरोध जताया गया है। कैप्टन सौरभ कालिया व उनके साथी जवानों ने सबसे पहले सूचना दी थी कि कारगिल क्षेत्र में घुसपैठ शुरू हो गई है। इस सीमांत क्षेत्र में गश्त के दौरान कैप्टन सौरभ कालिया सहित पांच अन्य जवानों का पहली बार पाकिस्तान सेना के साथ मुठभेड़ हुई थी व पाकिस्तानी सेना को कड़ी टक्कर दी थी लेकिन हथियार खत्म होने के कारण पाकिस्तानी सेना ने उन्हें 15 मई 1999 को बंदी बना लिया था और इस दौरान उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया था। नौ जून, 1999 को पाकिस्तान सेना ने कैप्टन सौरभ कालिया समेत पांच अन्य जवानों के शव भारत को सौंपे थे। इस दौरान पता चला था कि पाक सेना ने इन जवानों को प्रताडि़त करते हुए न केवल इनसे मारपीट की थी बल्कि इनके शरीर को सिगरेट से जलाया गया था। उनके दांत तोड़ दिए गए थे व आंखें तक फाड़ दी गई थीं। पाकिस्तानी सेना के इस अमानवीय व्यवहार से हर कोई स्तब्ध रह गया था। इस पर पाक सेना की हर जगह भ‌र्त्सना की गई थी। सरकार ने इस मामले को पाक के सामने रखकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करवाने का आश्वासन दिया था मगर आज तक कुछ नहीं हुआ। कैप्टन सौरभ कालिया के पिता डॉ. एनके कालिया का कहना है कि इसके लिए उन्हें लोगों से ई-मेल व पत्रों के माध्यम से पूरा समर्थन मिल रहा है। इसके अलावा ब्रिटिश में रहने वाली एक भारतीय मूल की अधिवक्ता ने भी इसको लेकर जंग शुरू की है।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh