- 22 Posts
- 232 Comments
हिमाचल से काफी दिन के बाद दिल्ली व पंजाब जाने का कुछ दिन पहले मौका मिला। कुछ बाजारों का भी भ्रमण हुआ। जैसा कुछ वर्ष पहले देखा था बाजारों में कुछ खास बदलाव नजर नहीं आया। लेकिन एक बात रह रहकर आंखों के आगे चुभ रहीं थी और वो थी इन दोनों राच्यों के बाजारों में पॉलीथीन के लिफाफों का जमकर प्रयोग। चाहें सब्जी की दुकानें हो या कोई अन्य दुकान। जमकर जमकर पॉलीथीन का प्रयोग हो रहा था। सब्जी वाले दुकानदार सब्जी को लोगों को हरे-काले रंग के पॉलीथीन के लिफाफों में डालकर दे रहे थे और एक ही ग्राहक द्वारा खरीदी जा रही सब्जियों व फलों को अलग-अलग के लिफाफों में डालकर दिया जा रहा था। कुछ गलियों में भी जाने का मौका मिला और ऐसे कम ही स्थान देखने को मिले जहां पॉलीथीन ने गिरा हो। यहां तक की नालियां इन्हीं पॉलीथीन के लिफाफों से अटी पड़ी थी तथा गंदा पानी नालियों की बजाए रास्ते के उपर से बह रहा था। उस समय मुझे याद आई हिमाचल की जहां हिमाचल सरकार ने पॉलीथीन व प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया हुआ है। अब तो यहां के शहरों व गांवों में पॉलीथीन देखना एक अंचभा लगता है। हां शुरू-शुरू में यहां लोगों को कुछ समस्या जरूर आई तथा कुछ विरोध के भी स्वर उठे। लेकिन पॉलीथीन व प्लास्टिक के बिना इस धरा का जो रूप यहां के लोगों ने देखा उसे देख प्रदेश का हर एक व्यक्ति ने भी इसमें अब अपना पूरा सहयोग करना शुरू कर दिया है। अब यहां की नदियां, खड्डे, नाले व गलियां काफी साफ नजर आ रही है।
Read Comments